सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के अधीन:मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

नई दिल्ली (ख.स.)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला ने जो कहा उसकी अपेक्षा एक मुख्यमंत्री से की जाती है, ये बात सही है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है जिसमें मुख्यमंत्री के हाथ में सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन फिर भी उमर अब्दुल्ला ने जो चिंता पहलगाम हमले के बाद विधानसभा के विशेष सत्र में ज़ाहिर की, उसने राष्ट्र के मसले पर भारत की मजबूत एकता का ही एक प्रमाण दिया है।



जो एक बड़ी बात है जो उमर अब्दुल्ला ने कही कि बेशक उनके हाथ में कुछ नहीं है लेकिन मेज़बान होने के नाते उनकी ज़िम्मेदारी थी कि जो लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीर आए उन्हें सकुशल वापस भेजा जाए जो नहीं हुआ। 

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला विधानसभा में भावुक होकर बोले कि इस हमले ने हमें अंदर से खोखला किया है, क्या जवाब दूं मैं उस नेवी अफसर की विधवा को, उस छोटे बच्चे को जिसने अपने पिता को खून में लथपथ देखा है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अतीत में हमने कश्मीरी पंडितों और सिख समुदायों पर आतंकी हमले होते देखे हैं, लंबे वक्त के बाद ऐसा हमला हुआ है. मेरे पास पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से माफ़ी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं. मैं कानून और व्यवस्था का प्रभारी नहीं हूं, लेकिन मैंने पर्यटकों को कश्मीर आने के लिए आमंत्रित किया. उनके मेज़बान के रूप में, उनकी देखभाल करना और उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है, पर्यटकों से माफ़ी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।

ये तमाम बातें जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कही, लेकिन फिर भी कुछ सवालों के जवाब पूरा देश जानना चाहता है कि आखिर पाकिस्तान की सीमा से कई किलोमीटर अंदर तक ये आतंकी कैसे घुस आए? किसने इनकी मदद की और क्यों की? किसने पहलगाम के भूगोल की रग-रग से इन दहशतगर्दों का परिचय कराया? किसने इन्हें खाना दिया, पानी दिया और ज़िंदा रखा?..जिसके बाद इन आतंकियों ने पहलगाम में कभी ना भूलने वाला घाव दिया,इसका जवाब इतिहास कश्मीरियों से भी मांगेगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था का सैलाब, हज़ारों भक्त, कनक दंडवत, डिग्गी कल्याण पद यात्रा : विजय शंकर पाण्डेय

  बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था का सैलाब, हज़ारों भक्त, कनक दंडवत, डिग्गी कल्याण पद यात्रा : विजय शंकर  पाण्डेय   जयपुर (ख.सं.)।  जयपुर डिग्गी कल्याण जी पदयात्रा रवाना आज जयपुर ताडकेश्वर मन्दिर चौडा रास्ता से हर वर्ष की तरह डिग्गी कल्याण जी लखी पदयात्रा रवाना हुई जिसका रास्ते में भक्तो द्वारा जगह जगह स्वागत नाश्ता, भोजन व्यवस्था रहेगी। आज ताडकेश्वर मन्दिर से आयोजक श्री जी लोहिया द्वारा उप मुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी जी, एम एल ए गोपाल शर्मा, त्रिवेणी धाम खोजी जी द्वाराचार्य श्री राम रिछपाल दास जी, अवधेशाचार्य जी, धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय ने ध्वज पूजन कर रवाना किया इस अवसर पर श्री जी लोहिया ने सभी को माला दुप्पटा ओढा कर सम्मान किया इस अवसर पर धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय बताया कि डिग्गी कल्याण जी की 60वीं लक्खी पदयात्रा 31 जुलाई को जयपुर के ताड़केश्वर महादेव मंदिर से शुरू हुई थी। यह यात्रा लगभग 90 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 4 अगस्त को डिग्गीपुरी कल्याण जी मंदिर पहुंचेगी।  हमारे खबर संग्रह संवाददाता को यात्रा के मुख्य बिंदु चर्चा में बताया कि यात्र...

उत्तर रेलवे ने सिगनल प्रणाली को आधुनिक

उत्तर रेलवे ने सिगनल प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए रेलटेल एंटरप्राइजिज के साथ समझौता:टी.पी. सिंह   नई दिल्ली (ख स.) रेलटेल कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी रेलटेल एंटरप्राइजिज लिमिटेड(आर.ई.एल.) को उत्तर रेलवे के 13 रेलवे स्टेशनों पर  पुराने मैकेनिकल सिगनलिंग उपकरणों को बदलने और उनके स्थान पर अत्याधुनिक इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली लगाने का कार्य सौंपा गया है । मौजूदा मैकेनिकल सिगनलिंग प्रणाली में सिगनलडाउन  करने और पटरियों को बदलने के लिए लीवर फ्रेमों का इस्तेमाल होता है । नई इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिगनलिंग प्रणाली माऊस के एक क्लिक से ही सिगनल डाउन  करने और पटरियों को बदलने में सक्षम होगी ।  आर.ई.एल. को जिन 13 रेलवे स्टेशनों का कार्य सौंपा गया है उनमें से 3 दिल्ली मंडल और 10 अम्बाला मंडल के हैं । दिल्ली मंडल के 3 स्टेशनों में कलायत, कैथल और पेहोवा रोड और अम्बाला मंडल के 10 रेलवे स्टेशनों में आनन्‍दपुर साहिब, नंगलडैम, रोपड़ थर्मल प्लांट, बलुआना, गिद्दडबाहा, मलौट, पक्की, पंजकोसी, हिंदूमलकोट और फ...