क रु ४ो । (ख.सं.)। योग गुरु स्वामी रामदेव ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान थीम पार्क में आयोजित वैश्विक गीता पाठ कार्यक्रम में भारत मां और वंदे मातरम के उदघोषों से अपना सम्बोधन शुरू करते हुए कहा कि इस गौरवशाली धरती पर भारत मां और गीता माता का गौरव बढ़ाने के लिए सभी को कर्म करना होगा। सभी शास्त्रों का सार भी कर्म करने का ही है। इस पवित्र ग्रंथ गीता में विजय, सुख, शक्ति का आधार भी कर्म को बताया गया है। इसलिए कर्म करते हुए प्रत्येक मानव को नम्बर एक स्थान पर पहुंचना होगा, जब हरियाणा का विद्यार्थी नम्बर एक पर होगा तो भारत भी नम्बर एक स्थान पर होगा। उन्होंने कहा कि पिताजंली योग पीठ की तरफ से गीता के श्लोकों को कंठस्थ करने वाले व्यक्ति को 20 हजार रुपए और कुल वेदों के ज्ञाता को 2 लाख रुपए का ईनाम दिया जाएगा।
सुधांशु जी महाराज ने कहा व्याकुल हो तो भारत में नैनीताल के नींव करौरी बाबा के आश्रम चले जाना, मन को बहुत शांति मिलेगी और इतनी ऊर्जा का संचार होगा कि फिर कभी विचलन नहीं होगा। उन्होंने यह सीख यहां एक निजी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्रों को दी। समारोह में एक अन्य विशिष्ट अतिथि रक्षा अनुसंधान संस्थान के पूर्व महानिदेशक एवं अग्नि मिसाइल एवं सामरिक कार्यक्रम के निदेशक डॉ वेंकटस्वामी ज्ञान शेखरन ने कहा, 'पहले की तुलना में आज का शिक्षा तंत्र बहुत सरल हो गया है। आज इंटरनेट के माध्यम से आप किसी भी चीज को आसानी से सीख सकते हैं। इस मौके पर डॉ भाटकर एवं डॉ. शेखरन को डॉक्टर ऑफ साइंस' की उपाधि प्रदान की गई। इनके अलावा दीक्षांत समारोह 12 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 12 को रजत पदक, 10 को मेरिट सर्टिफिकेट तथा कुल 3196 को मास्टर एवं बैचलर डिग्रियां प्रदान की गईं।
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