सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल मेन पावर की कमी होने के बावजूद दबाव में कार्य कर रहे हैं कर्मचारी

RECTORATE ALTES नई दिल्ली, (ख.सं.)। लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल खिचड़ीपुर स्थित काफी समय से रोगियों को अपनी सेवाएं दे रहा हैं। काफी समय हो जाने के बावजूद भी कई मूलभूत सुविधाओं से आज भी अस्पताल वंचित है यहां पर कई ऐसी सुविधाएं हैं जिनका विस्तार होना चाहिए था लेकिन अभी तक नहीं हो पा रहा है पिछले 20-22 वर्षों से अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है लेकिन स्टाफ की कमी के कारण चिकित्सक व स्टाफ नर्सिंग पर्याप्त रूप से ना होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है इस बारे में कई बार चिकित्सा अधीक्षक वह एडमिनिस्ट्रेशन विभाग से बात करने पर बताया जाता है कि हमने फाइल संबंधित विभाग को भेजी हुई है लेकिन सचिवालय में अधिकारी लोग फाइल को दबाकर बैठ जाते हैं जिससे हॉस्पिटल के कार्य में बाधा उत्पन्न होती है खबर संग्रह के संवाददाता ने कर्मचारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम काफी समय से अपना विरोध काली पट्टी बांधकर दर्ज करा रहे हैं नाही हॉस्पिटल प्रशासन और ना सरकार की ओर से हमें कोई सहायता मिल पा रही है आलम यह है मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण मरीजों को सही तरह से देख नहीं पाते हैं इस हॉस्पिटल में पैंतीससो से चार हजार के बीच में डेली की ओपीडी है लेकिन स्टाफ कमी होने के कारण मरीजों व उनके तीमारदाओ को काफी इंतजार करना पड़ता है अब तक इस हॉस्पिटल में कई आधुनिक सुविधाएं होनी चाहिए थी लेकिन काफी अंतराल होने के बाद भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं लेकिन पिछले चार साडे 4 वर्षों में पीडब्ल्यूडी द्वारा कोई ऐसा दिन नहीं गया जिस दिन हॉस्पिटल में काम नहीं होता है यह किस ओर इशारा करता है यह सोचने और समझने वाली बात है।



हॉस्पिटल के लिए जमीन ली गई थी पहले हाई टेंशनवायर की समस्या के कारण निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा था लेकिन पिछले 2 वर्षों से वह हाईटेंशन तार भी मेट्रो आने पर हटा दी गई हैं लेकिन जो भूमि अस्पताल प्रशासन ने ली थी उस पर अभी तक सरकार और अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है अगर उस जमीन को भी अस्पताल बनाने में समय लगेगा अगर बनता तो स्थानीय निवासी साथ ही एनसीआर से जुड़े हुए लोगों को स्वास्थ्य लाभ और बेहतर तरीके से मिलना चालू होगा


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था का सैलाब, हज़ारों भक्त, कनक दंडवत, डिग्गी कल्याण पद यात्रा : विजय शंकर पाण्डेय

  बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था का सैलाब, हज़ारों भक्त, कनक दंडवत, डिग्गी कल्याण पद यात्रा : विजय शंकर  पाण्डेय   जयपुर (ख.सं.)।  जयपुर डिग्गी कल्याण जी पदयात्रा रवाना आज जयपुर ताडकेश्वर मन्दिर चौडा रास्ता से हर वर्ष की तरह डिग्गी कल्याण जी लखी पदयात्रा रवाना हुई जिसका रास्ते में भक्तो द्वारा जगह जगह स्वागत नाश्ता, भोजन व्यवस्था रहेगी। आज ताडकेश्वर मन्दिर से आयोजक श्री जी लोहिया द्वारा उप मुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी जी, एम एल ए गोपाल शर्मा, त्रिवेणी धाम खोजी जी द्वाराचार्य श्री राम रिछपाल दास जी, अवधेशाचार्य जी, धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय ने ध्वज पूजन कर रवाना किया इस अवसर पर श्री जी लोहिया ने सभी को माला दुप्पटा ओढा कर सम्मान किया इस अवसर पर धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय बताया कि डिग्गी कल्याण जी की 60वीं लक्खी पदयात्रा 31 जुलाई को जयपुर के ताड़केश्वर महादेव मंदिर से शुरू हुई थी। यह यात्रा लगभग 90 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 4 अगस्त को डिग्गीपुरी कल्याण जी मंदिर पहुंचेगी।  हमारे खबर संग्रह संवाददाता को यात्रा के मुख्य बिंदु चर्चा में बताया कि यात्र...

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के अधीन:मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

नई दिल्ली (ख.स.)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला ने जो कहा उसकी अपेक्षा एक मुख्यमंत्री से की जाती है, ये बात सही है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है जिसमें मुख्यमंत्री के हाथ में सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन फिर भी उमर अब्दुल्ला ने जो चिंता पहलगाम हमले के बाद विधानसभा के विशेष सत्र में ज़ाहिर की, उसने राष्ट्र के मसले पर भारत की मजबूत एकता का ही एक प्रमाण दिया है। जो एक बड़ी बात है जो उमर अब्दुल्ला ने कही कि बेशक उनके हाथ में कुछ नहीं है लेकिन मेज़बान होने के नाते उनकी ज़िम्मेदारी थी कि जो लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीर आए उन्हें सकुशल वापस भेजा जाए जो नहीं हुआ।  मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला विधानसभा में भावुक होकर बोले कि इस हमले ने हमें अंदर से खोखला किया है, क्या जवाब दूं मैं उस नेवी अफसर की विधवा को, उस छोटे बच्चे को जिसने अपने पिता को खून में लथपथ देखा है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अतीत में हमने कश्मीरी पंडितों और सिख समुदायों पर आतंकी हमले होते देखे हैं, लंबे वक्त के बाद ऐसा हमला हुआ है. मेरे पास पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मा...

उत्तर रेलवे ने सिगनल प्रणाली को आधुनिक

उत्तर रेलवे ने सिगनल प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए रेलटेल एंटरप्राइजिज के साथ समझौता:टी.पी. सिंह   नई दिल्ली (ख स.) रेलटेल कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी रेलटेल एंटरप्राइजिज लिमिटेड(आर.ई.एल.) को उत्तर रेलवे के 13 रेलवे स्टेशनों पर  पुराने मैकेनिकल सिगनलिंग उपकरणों को बदलने और उनके स्थान पर अत्याधुनिक इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली लगाने का कार्य सौंपा गया है । मौजूदा मैकेनिकल सिगनलिंग प्रणाली में सिगनलडाउन  करने और पटरियों को बदलने के लिए लीवर फ्रेमों का इस्तेमाल होता है । नई इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिगनलिंग प्रणाली माऊस के एक क्लिक से ही सिगनल डाउन  करने और पटरियों को बदलने में सक्षम होगी ।  आर.ई.एल. को जिन 13 रेलवे स्टेशनों का कार्य सौंपा गया है उनमें से 3 दिल्ली मंडल और 10 अम्बाला मंडल के हैं । दिल्ली मंडल के 3 स्टेशनों में कलायत, कैथल और पेहोवा रोड और अम्बाला मंडल के 10 रेलवे स्टेशनों में आनन्‍दपुर साहिब, नंगलडैम, रोपड़ थर्मल प्लांट, बलुआना, गिद्दडबाहा, मलौट, पक्की, पंजकोसी, हिंदूमलकोट और फ...