एनजीओ ‘जन शरणम’ ने हर्षोल्लास से मनाया ‘नया सवेरा 2019’
संगीत प्रेमी असहाय बच्चों के लिए ‘दिशा एक आशा’ का किया आगाज
नई दिल्ली(ख.स ) नव वर्ष 2019 के आगमन के अवसर पर एनजीओ ‘जन शरणम’ ने दिल्ली के हिन्दी भवन में ‘नया सवेरा 2019’ का आयोजन कर नव वर्ष का जश्न मनाया। इस अवसर पर संस्था द्वारा एक नई मुहिम ‘दिशा एक आशा’(म्यूजिकल जर्नी फॉर द अंडरप्रिविलेज्ड) का आगाज किया। इस मुहिम के तहत संस्था भारत के झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों के बीच जाकर एक ऑडिशन का आयोजन करेगी, जिसमें से टॉप 3 बच्चों को सेलेक्ट किया जाएगा और उनको संगीत विशेषज्ञों द्वारा उच्च संगीत शिक्षा दिलाएगी, ताकि वो आगे जाकर सिंगिग, म्यूजिशियन आदि में अपना करियर बना सके।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवल के साथ हुई। उसके बाद ‘जन शरणम’ के बदरपुर स्थित सेंटर के बच्चों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुति दी। वहीं स्थित असहाय वंचित बच्चों ने भी अपनी परफॉर्मेंस से उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में अनुराग बत्रा (चेयरमैन एंड एडिटर इन चीफ बिजनेस वर्ल्ड), विशिष्ट अतिथि के रूप में अमरपाल सिंह (एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर इंस्ट्रोमेडिक्स इंिडया प्रा लि), डॉ डी.के. गुप्ता (सीएमडी फेलिक्स हॉस्पिटल), ऋ चा बशिष्ठ (मेम्बर फूड कॉरर्पोरेशन ऑफ इंडिया), अभिलाश रमेश कलाथिल (एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कैराली आयुर्वेदिक ग्रुप), करमवीर यादव (एसिस्टेंट प्राइवेट सेक्रेटरी भारत सरकार), खुशीराम (पूर्व मेयर, दक्षिणी दिल्ली), वीरवती सिंह (प्रधानाचार्या) आदि ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर द पॉलिसी टाइम्स के प्रेसीडेंट अकरम हक ने जन शरणम संस्था के साथ एक समझौता भी किया, जिसके द्वारा वे संस्था को समय समय पर मदद करेंगे।
सभी अतिथियों को एक पौधा व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों ने संस्था के बच्चों को उपस्थिति देखकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की और कहा कि यही बच्चे हमारे देश का आने वाला भविष्य है और इस दिशा में संस्था के अध्यक्ष रंमाशु वर्मा व टीम उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है।
संस्था के अध्यक्ष रमांशु वर्मा ने सबसे पहले सबको नव वर्ष की बधाई देते हुए बताया कि आज जो मुहिम (दिशा एक आशा, म्यूजिकल जर्नी फॉर द अंडरप्रिविलेज्ड) शुरू की है, इसके बारे में मैंने बहुत पहले से ही सोच रखा था, क्योंिक मैंने देखा है कि कुछ बच्चे जो कई सुविधाओं से वंचित है, उसके बाद भी उनकी आवाज ऐसी है कि अगर उन्हें सही मार्ग मिले तो वह आगे चलकर एक अच्छे सिंगर बन सकते हैं। आज मेरा यह सपना पूरा हुआ, इसके लिए मेरे सभी साथियों का मैं आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अपने कठोर परिश्रम से संस्था को आज यहां तक पहुंचाया है। मैं अपनी टीम के मेम्बर्स के बिना अधूरा हूं, अगर ये लोग मेरा साथ नहीं देते तो आज मैं यहां नहीं होता। यहां आए सभी अतिथियों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं, उन्होंने हमारी संस्था को समय-समय पर अपनी मदद दी है।
*जन शरणम के बारे में*
‘जन शरणम’ समाज के पिछड़े वर्ग की महिलाओं एवं बच्चों के उत्थान को समर्पित संस्था है जिसने वर्ष 2015 में समाज के अशिक्षित एवं पिछड़े वर्ग की सेवा के उद्देश्य से दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अपना सेवा कार्य आरम्भ किया।
सबसे पहले इन क्षेत्रों में अनाथाश्रमों और वृधाश्रमों को आर्थिक व रोजमर्रा की आवश्यकताओं की सहायता के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा/मनोरंजन तथा वृद्ध लोगों के साथ बैठकर उनकी समस्याएं सुनकर, उनकी मनोभावनाएँ समझकर उनका आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ाने हेतू त्यौहारों पर और प्रत्येक सन्डे मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन किया।
बच्चों के साथ उनके शैक्षिक एवं व्यक्तित्व सुधार के लिये उन बच्चों के साथ मिलकर कई प्रकार के कार्यक्रम/उत्सवों का आयोजन, तथा NCR के लोगों द्वारा इन बच्चों को समुचित सुविधाएँ प्रदान करवायी गयीं और आज़ ये बच्चे अपना जीवन सार्थक बनाने की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं।
हमने गत वर्षों में इन बच्चों के साथ शैक्षिक/दैनिक आवश्यकताओं और अन्य योगदान करने के अलावा, उनको दिल्ली जू, म्युसियम तथा ऐतिहासीक स्थानों की मनोरंजक यात्राएं करवाई ज़ो उनके व्यक्तित्व को बहु आयामी बनाने में कारगर सिद्ध हों!
उत्तर प्रदेश और दिल्ली में ‘जन शरणम’ स्कूल ना ज़ा पाने वाले बच्चों के लिये फ्री शिक्षा केन्द्र चला रहा है। साथ ही गरीब महिलाओं को सिलाई-कढाई की ट्रेनिंग भी दी ज़ा रही है, जिसके द्वारा वो आर्थिक रूप से भी स्वतन्त्र हो पायें।
हम उपरोक्त चिन्हित इलाकों में समय समय पर फ्री मेडिकल और स्वास्थ्य केम्प भी लगा रहे हैं। हमारी योजना है की शीघ्र ही भारत के सभी राज्यों मे ऐसे केन्द्र और सेवायें खोले ।
‘जन शरणम’ को विगत 3 वर्षों में कई ‘जन शिक्षा केन्द्र’ के माध्यम से गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे 2500 से अधिक बच्चों को साक्षर बनाने में सफलता मिली है।
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