खानसामों ने सिखाएं राजस्थानी व्यंजन बनाने के गुर

खानसामों ने सिखाएं राजस्थानी व्यंजन बनाने के गुर


भारत पर्व में  बावर्चियों ने लगाया देशी तड़का खानसामों ने सिखाएं राजस्थानी व्यंजन बनाने के गुर


नई दिल्ली, (ख. स.) दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में आयोजित छह दिवसीय भारत पर्व - 2019 में राजस्थान के बावर्चियों ने देशी व्यंजनों का तड़का लगा उपस्थित दर्शकों राजस्थानी व्यंजन बनाने के गुर सिखाएं Iराजस्थान के बाबूलाल शेफ के शागिर्दों जयराम राइका और उनके नागौर निवासी दो अन्य रसोइयों ने लाल किला प्रांगण पर अपने ठेठ ग्रामीण व देशी अंदाज में प्रदेश की तीन विशेष 'डिशेष' मालपुए,बेसन गट्टे और प्याज़ की कचोरी बनाने का सजीव प्रदर्शन किया ।


भारत पर्व में स्थापित किये गए किचन स्टुडियो में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पूसा संस्थान के होटल मैनेजमेंट के सहयोग से अलग-अलग राज्यों के व्यंजनों का लाइव किचन डेमोस्ट्रेशन करवाया जा रहा हैं । इस कड़ी में जयराम राइका और उनके साथी दो अन्य रसोइयों ने राजस्थान की तीन विशेष डिशेज मालपुए,बेसन गट्टे और प्याज़ की कचोरी बनाने का सजीव प्रदर्शन किया और उनकी रेसिपी भी विस्तार से बताई ।


राजस्थान के इन खानसामों ने अपने देशी व ग्रामीण अंदाज में मालपुए,बेसन गट्टे और प्याज़ की कचोरी बनाने की पूरी विधि का रोचक अंदाज में दर्शाते हुए कहा कि राजस्थान में मशहूर तीज व त्यौहार के साथ ही मौसम व ऋतुओं और आंचलिक परिवेश के अनुसार अपने खास व्यंजन बनाये जाते है तथा  रेगिस्तानी  प्रधान प्रदेश  होने से यहाँ  के खान- पान का अपना एक अलग ही जायका  है । राजस्थान का जीमण देश-विदेश में खासा लोकप्रिय हैं  ।


इस मोके पर राजस्थान पर्यटक स्वागत केंद्र, नई दिल्ली की अतिरिक्त निदेशक डॉ. गुणजीत कौर, सहायक निदेशक श्रीमती सुमिता मीना और राजस्थान सूचना केंद्र, नई दिल्ली के अतिरिक्त निदेशक गोपेन्द्र नाथ भट्ट ने बताया कि राजस्थान में अनेक प्रकार के व्यंजन एवं पकवान बनाये जाते हैं तथा राजस्थान का जीमण देश-विदेश में खासा लोकप्रिय हैं।


उन्होंने बताया कि फूड इंडस्ट्री में राजस्थान का नाम सबसे ऊपर आता है और यहां के फूड उद्यमियों ने अपने इस कौशल व हुनर से काफी नाम भी कमाया है ।


उपस्थित दर्शकों ने किचन स्टुडियो में राजस्थान के बावर्चियों जयराम राइका और उनके साथियों द्वारा बनाये गये मालपुए,बेसन गट्टे और प्याज़ की कचोरी का स्वाद चखा और राजस्थानी जायके की भूरी-भूरी प्रशंसा की ।


 


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