मीहियर्मियों की 28 आगों का ज्ञापन पीएमओ को सौंपा
पीयूष गर्ग
नई दिल्ली, (ख.सं.)। वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर मीडिया महा धरना का आयोजन किया। पिछले कुछ समय से पत्रकारों की मांगो लेकर वर्किंग जर्नलिस्ट आफ इंडिया सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ काफी सक्रिय रहा है। देश में पत्रकारों शीर्ष संगठन है। यह संगठन पत्रकारों के कल्याणार्थ समय समय रचनात्मक और प्ररेणादायक कार्यक्रम और आंदोलन चलाता रहा है।इसको देश के विभिन्न राज्यों से आये पत्रकार संगठन समर्थन दे रहे है। वर्किंग जर्नलिस्टस ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी और राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र भंडारी ने आज महाधरना में पत्रकार एकजुटता दृश्य देखने को मिला।देश के 12 राज्यों के पत्रकार और कई पत्रकार संगठन धरना में आकर सरकारों के प्रति आक्रोश व्यक्ति किया। पूरे देश मीडिया कर्मी देश को मजबूत बनाने काम करते हैं। महा धरना के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी के नेतृत्व में w। प्रतिनिधिमंडल चउत पदंचा वहां पर पत्रकारों की 28 मांगो ज्ञापन सौंपा गया। आज WJI ने अपने स्थापना सुरेंद्र आनंद के गीत ने माहौल में जोश भर दिया। वर्किंग जर्नलिस्टस ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों द्वारा तैयार मांग पत्र जिसमे सरकार से मांग है:वर्तमान समय की मांगों पर ध्यान में रखते हुए वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में संशोधन किया जाये। कार्यकारी पत्रकार अधिनियम में इलेक्ट्रानिक मीडिया, वेब मीडिया, ई-मीडिया और अन्य सभी मीडिया को अपने अधिकार क्षेत्र में लाया जाये। • भारत की प्रेस काउंसिल के स्थान पर मीडिया काउंसिल बनाई जाये। जिससे पीसीआई के दायरे और क्षेत्राधिकार को बढ़ाया जाये। • भारत के सभी पत्रकारों को भारत सरकार के साथ पंजीकृत किया जाये और वास्तविक मीडिया पहचान पत्र जारी किया जाये। • जिन अखबारों ने वेज कार्ड की सिफारिशों को लागू नहीं किया उन पर सरकारी विज्ञापन देने पर कोई अनुशासत्मक प्रतिबंध हो। • केन्द्र सरकार लघु व मध्यम समाचार पत्रों को ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन जारी करने के अपने नियमों को जल्द से जल्द परिवर्तित करे। • देश में पत्रकार सुरक्षा कानून तैयार किया जाये। तहसील और जिला स्तर के संवाददाताओं एवं मीडिया व्यक्तियों के लिए 24 घंटे की हेल्पलाईन सेवायें उपलब्ध कराई जायें। • भारत में सभी मीड़िया संस्थानों • भारत में सभी मीड़िया संस्थानों को वेज बोर्ड की सिफारिशों को सख्ती से लागू करवाने के नियम बनाये जाये। • ड्यूटी के दौरान अथवा किसी मिशन पर काम करते हुये पत्रकार एवं मीडियाकर्मी की मृत्यु होने पर उसके परिजन को 15 लाख का मुआवजा और परिजनों को नौकरी दी जाये। किया • सभी पत्रकारों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा ओर सेवानिवृति की उम्र 64 वर्ष की जाये। • सभी पत्रकारों को राज्य एवं केन्द्र सरकारों की तरफ से चिकित्सा सुविधा और बीमा सुविधा दी जाये। • पत्रकारिता नौकरियों में अनुबंध प्रणाली का उन्मूलन किया जाये। • कैमरामैन समेत सभी पत्रकारों को सरकारी कार्यक्रमों को कवर करने के लिए कोई पांबदी नहीं होनी चाहिएबेहतर रिक सहयोग के लिए जिला स्तर पुलिस–पत्रकार 7 समितियां गठित की जाये। • शुरूआती चरणों में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा पत्रकारों से संबंधित सभी मामलों की समीक्षा की जाये और पत्रकारों से जुड़े मामलों को जल्द से जल्द निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जाये। • मीड़िया व्यक्तियों को देश भर में उनकी संस्थान के पहचान पत्र के आधार पर सड़क टोल पर भुगतान पनि करने से मुक्त किया जाये। • पत्रकारों को बस और रेल किराये में कुछ रियायत प्रदान की जाये। • केन्द्रों और राज्य सरकारें PIB DIP पत्रकारों की मान्यता प्राप्त करने की • केन्द्रों और राज्य सरकारें PIB DIP पत्रकारों की मान्यता प्राप्त करने की • प्रक्रिया को एकरूपता व सरल बनायें। • समाचार पत्रों से लै खत्म कीजाए। • विदेशी मीडिया के लिए भारतीय मीडिया संस्थानों में विनिवेश कीअनुमति ना दी जाये। • आनलाईन मीडिया को मान्यता दी जाये उन्हें सरकारी विज्ञापन दिये जायें व उनका सरकारी एक्रीडेशन किया जायेदिवस पर अपने सदस्य पत्रकारों के हित में 3 लाख दुर्घटना बीमा की घोषणा की। माहौल उस समय बहुत ही उत्साहवर्धक हो गया जब भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार, संगठन महामंत्री अनीश मिश्रा और संगठन मंत्री ब्रजेश कुमार धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों की मांगों का समर्थन दिया। WJI प्रवक्ता उदय मन्ना ने बताया कि पत्रकारों में जो आक्रोश भरा वो कोई भी दिशा ले सकता है। मीडियाकर्मी RJS स्टार
टिप्पणियाँ