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उत्तर रेलवे पर मानव रहित रेल फाटक पूरी तरह से समाप्त

उत्तर रेलवे पर मानव रहित रेल फाटक पूरी तरह से समाप्त


 


  नई दिल्ली (ख. स. )  रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, श्री वी.के. यादव ने उत्तर रेलवे, प्रधान कार्यालय, क्षेत्रीय रेलवे के कार्य निष्पादन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की । इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य, यातायात, श्री गिरीश पिल्लई, उत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक, श्री टी.पी.सिंह, प्रमुख विभागाध्यक्ष और उत्तर रेलवे के पाँचों मंडलों अर्थात् अम्बाला, दिल्ली, मुरादाबाद, लखनऊ और फ़िरोजपुर के मंडल रेल प्रबंधक उपस्थित थे ।



  चालू वित्त वर्ष 2018-2019 के दौरान उत्तर रेलवे के समूचे संरक्षा निष्पादन का मूल्यांकन करते हुए श्री यादव ने पाया कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं में 31% की कमी आई है । उन्होंने उत्तर रेलवे द्वारा अपने क्षेत्राधिकार से मानवरहित रेल फाटकों को पूरी तरह से समाप्त करने, जोकि “मिशन ज़ीरो एक्सीडेंट” का एक अंश है, पर संतोष जताया ।


 अध्यक्ष ने नई रेल लाइन, दोहरीकरण जैसी क्षमता विस्तार परियोजनओं को शीघ्रता से निपटाने और परिचालन (समयपालन) संरक्षा के दो उद्देश्यों को विस्तार देने पर भी बल दिया । उत्तर रेलवे ने वर्ष के दौरान यात्री रेलगाड़ियों के समयपालनबद्धता को बेहतर करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं । जिसके अंतर्गत 12 रेलगाड़ियों के कर्षण में परिवर्तन को समाप्त करना, नई समय-सारणी में मेगा कोरिडोर ब्लॉकों को ध्यान में रखते हुए रेलगाड़ियों के चलने के समय को तर्कसंगत बनाने जैसे कार्य किए गए हैं । इंजन एवं एसेट्स फेलियर की लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है और व्यस्त यात्री सेक्शनों पर अतिरिक्त कर्मचारी और संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं । समयपालनबद्धता को बेहतर बनाने के लिए किए जाने वाले महत्वपूर्ण उपायों में दिल्ली, लखनऊ और इलाहाबाद क्षेत्र के प्रमुख टर्मिनलों की भीड़-भाड़ को कम करना शामिल है । लूप लाइनों पर रेलगाड़ियों की गति सीमा को बढ़ाया गया है और रेल पथों को बेहतर करके व विद्युतीकरण से सेक्शनों की गति सीमा को सुधारा गया है ।


 स्टेशनों की भीड-भाड को कम करने और प्राथमिक अनुरक्षण को शीघ्रता से पूरा करने के लिए रैक लिंक और टर्मिनलों में परिवर्तन जैसी कार्य योजनाओं की समीक्षा की । अन्य सुधार कार्यों में शीघ्रता से इंधन एवं पानी भरने के साथ-साथ वाशिंग लाइन में ओ.एच.ई. कनेक्टिविटी बढ़ाई जायेगी ।आगामी वर्ष में प्रस्तावित विभिन्न विकास योजनाओं अर्थात् दोहरीकरण कार्य, परिचालन दक्षता को बेहतर करने के लिए रेल फ्लाई ओवर तथा रिवर्सल के कारण होने वाले गतिरोध को रोकने के लिए बाई-पास/कॉर्ड लाइनों के निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की । उन्होंने बिजवासन में कोचिंग टर्मिनल सुविधा जैसी विभिन्न उन्नत यात्री सुविधाओं और वाराणसी यार्ड  रि-मॉडलिंग योजनाओं की भी समीक्षा की । वर्ष 2019-20 में 41 किलोमीटर नई रेल लाइनों के और 137 किलोमीटर दोहरीकरण के कार्य किए जायेंगे । आधुनिक सिगनलिंग प्रणाली पर बल देते हुए उत्तर रेलवे ने कुछ व्यस्तम रेल मार्गों पर लगभग 287.66 करोड़ रूपये की लागत से ऑटोमैटिक ब्लॉक सिगनलिंग प्रणाली लगाये जायेगी । इससे समयपालनबद्धता बेहतर होगी ।


 


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