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आईपीएस मनोज यादव ने हरियाणा पुलिस महानिदेशक का संभाला कार्यभार।


आईपीएस मनोज यादव ने हरियाणा पुलिस महानिदेशक का संभाला कार्यभार।


 





 

सुधीर सलूजा






पंचकूला (ख. स.) हरियाणा कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी, श्री मनोज यादव ने आज राज्य पुलिस मुख्यालय में हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का पदभार ग्रहण किया। डीजीपी के रूप में कार्यभार संभालने से पहले श्री मनोज यादव को पुलिस जवानों द्वारा पुलिस मुख्यालय परिसर में सलामी दी गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने श्री यादव को पुलिस प्रमुख का पदभार संभालने पर बधाई दी। इससे पहले डॉ. के.पी. सिंह डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे थे।

 

इस अवसर पर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखना, अपराध की प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण, बेहतर तफतीश और महिलाओं एवं समाज के कमजोर वर्ग को सुरक्षित वातावरण मुहैया करवाना उनकी प्रमुख प्राथमिकताएं रहेंगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश में सामान्य लोकसभा चुनाव आने वाले हैं। चुनाव के दौरान पुलिस की अहम भूमिका होती है इसलिए प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव करवाने के लिए सभी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

 

 हरियाणा पुलिस को सर्वश्रेष्ठ पुलिस बलों में से एक बताते हुए डीजीपी ने कहा कि यह उनके लिए गौरव की बात है कि राज्य सरकार ने उन्हें योग्य समझा और हरियाणा के डीजीपी पद पर आसीन किया। उन्होंने राज्य पुलिस में अपने करियर शुरु करने के समय को याद करते हुए कहा कि हरियाणा पुलिस की गौरवशाली परंपरा रही है और जिसे हम कायम रखेंगे। उन्होने कहा कि राज्य पुलिस बल में कई पहल की गई हैं जो अंत्यंत सराहनीय हैं। हम अनुसंधान के स्तर में और सुधार करते हुए आगे बढ़ेंगे। साथ ही नागरिकों की सहायता से ओर बेहतर प्रयास करेंगे।

           एक सवाल के जवाब में श्री यादव ने कहा कि हरियाणा मेरा घर है और मैं कभी हरियाणा से अनटच नहीं रहा हूं। केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए भी राज्य पुलिस बल के शीर्ष अधिकारियों के सदैव संपर्क में रहा हूं।

 

  हाल ही में पुलवामा में आतंकी घटना के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में डीजीपी ने कहा कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती। मुझे विश्वास  है कि राज्य पुलिस बल किसी भी घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और पुलिस बल में कैपेसिटी बिलिंडग हमारी प्राथमिकता रहेगी।  उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक आईजी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है। इसके साथ साथ एंटी टेररिज्म स्क्वाड और क्विक रिस्पांस टीम के गठन का प्रस्ताव भी सरकार के विचाराधीन है।  इस दिशा में पुलिस द्वारा सभी तरह के आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

 

  स्टेट इंटेलिजेंस की दक्षता के संदर्भ में पूछे गए अन्य प्रश्न के उत्तर में डीजीपी ने कहा कि हरियाणा पुलिस की इंटेलिजेंस विंग देश की बेहतर एजेसियों में से एक है। इसके साथ-साथ केंद्रीय इंटेलिजेंस एजेंसीस से बेहतर समन्वय स्थापित करना भी हमारी प्राथमिकता रहेगी।

 

  इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक जेल के. सेल्वराज, पुलिस महानिदेशक  अपराध श्री पी.के. अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था मोहम्मद अकील, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, क्राईम अगेंस्ट वूमन, श्री अजय सिंगल, एडीजीपी संचालन और आईटी, श्री ए.एस. चावला, पुलिस महानिरीक्षक आधुनिकीकरण श्री एच.एस. दून, पुलिस आयुक्त पंचकूला श्री सौरभ सिंह और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

अलीगढ़ यूपी से संबंध रखने वाले 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी श्री मनोज यादव का जन्म 1965 में हुआ। उन्होने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन इकोनॉमिक्स (गोल्ड मेडलिस्ट) तथा एमबीए (गोल्ड मेडलिस्ट) की पढाई की है।

 

        वे एएसपी हांसी, सिरसा, अंबाला, एडिशनल एसपी रोहतक, एसपी सिक्योरिटी, ट्रैफिक और क्राइम यूटी चंडीगढ़ के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले, उन्होंने फतेहाबाद, पानीपत, पंचकुला और अंबाला के पुलिस अधीक्षक के तौर पर भी कार्य किया है। इसके अलावा, श्री यादव कोसोवो में संयुक्त राष्ट्र मिशन के लिए भारतीय सिविल पुलिस दल के कंटिन्जंट कमांडर के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं।

 

        श्री यादव को कोसोवो पुलिस सेवा की स्थापना के लिए किए गए प्रयासों के फलस्वरुप संयुक्त राष्ट्र शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें इंडियन पुलिस मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, पुलिस हार्ड ड्यूटी मेडल विद बार और आईबी से सात सराहनीय प्रषस्ति पत्र से भी सम्मानित किया गया है।

 

        श्री मनोज यादव ने “हरियाणा पुलिस का इतिहास” नामक एक पुस्तक भी लिखी है, जिसका विमोचन पूर्व उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा वर्ष 2002 में किया गया था।



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