लोकतंत्र में संवाद सबसे बड़ी ताकत है : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ(ख. स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के आइएएस अफसरों की पीठ थपथपाई तो कुछ कमजोरियों को लेकर आईना भी दिखाया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संवाद सबसे बड़ी ताकत है। आइएएस जनता से बेहतर संवाद करें तो सरकार की छवि अच्छी बनेगी। डीएम और कमिश्नर को अधिक से अधिक पीडिघ्तों की बातें सुनने का निर्देश भी दिया।आइएएस वीक के तहत मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतरीन प्रशास. निक ढांचा है। इसने योजनाओं को को बेहतर ढंग से लागू किया है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिएयोगी ने कहा कि राज्य ने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है लेकिन, राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी दिखने के लिए और भी काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मुश्किल कुछ भी नहीं है। बस संकल्प के साथ जुटने भर की बात है। मुख्यमंत्री ने आइएएस अफसरों का हौसला बढ़ाया कि आपके सक्रिय सहयोग से प्रदेश बहुत जल्द स्वच्छता मिशन में आगे निकलासौभाग्य योजना में एक करोड़ कनेक्शन दिए गए। पूर्वांचल की महामारी बन चुकी जापानी इंसेफ्लाइटिस के मामलों में कमी आई। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना सरकार की प्राथमिकता है। फिर भी कहीं-कहीं गड़बड़ी की खबरें प्रकाश में आती हैं। इन पर अंकुश लगना चाहिए। उन्होंने एंटी रोमियो स्क्वाड को और सक्रिय बनाने पर जोर दिया। कहा कि पीडिघ्ता को स्क्वाड के पास आने की जरूरत न पड़े, स्क्वाड़ खुद उसके पास पहुंचे। उन्होंने डीएम-कमिश्नर को अधिक से अधिक लोगों की शिकायत सुनने का निर्देश देते हुए कहा कि कुछ जिलों में अधिकारी तहसीलों में नहीं जाते हैं। यह चिंता की बात है। अधिकारी संवेदनशील बनें और यह सुनिश्चित करें कि हर व्यक्ति को पेंशन का लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने कुंभ के आयोजन को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कुंभ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम है। हर अधिकारी को वहां जाकर देखना चाहिए कि किस तरह काम किया गया है। उन्होंने पर्यावरण के प्रति भी चिंता जताई और कहा कि मृत नदियों को जीवित करने की दिशा में गंभीर प्रयासों का जरूरत है। मुख्यमंत्री ने आइएएस वीक के तहत अपने आवास पर अधिकारियों को लंच भी दिया।
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