बिजली चोरों की संपत्तियां होंगी सील
नई दिल्ली, (ख.सं.)। कड़कड़डूमा स्थित बिजली की स्पेशल कोर्ट ने बिजली चोरी करने वाले 21 लोगों की प्रॉपर्टी को अटैच/सील करने का आदेश दिया है। अदालत ने संबंधित एसएचओ को निर्देश दिया है कि वे इन परिसरों को सील करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल उपलब्ध कराएं। आदेश पर अमल करते हुए 6 बिजली चोरों की संपत्ति को सील कर दिया में गया है। बिजली चोरी करने वाले लोगों किलोवॉट द्वारा जुर्माना नहीं भरने के बाद उनकी किलोवॉटसंपत्तियों को सील किया गया है। 28 फिलहाल, सीलमपुर, उस्मानपुर, न्यू मेहकार उस्मानपुर, गोकलपुर, भजनपुरा और चोरी वेलकम कॉलोनी में बिजली चोरी करने इलेक्ट्रिसिटी वाले छह लोगों की संपत्तियों को सील उपरोक्त किया गया है। गया जिन छह मामलों में प्रॉपर्टी की सीलिंग की गई है, उनमें न्यू उस्मानपुर मामले के सलीम को 68 किलोवॉट और कोर्ट गोकलपुर निवासी मुकेश को 54 किलोवॉट बिजली की चोरी करते पकड़ा गया था। वहीं,वेलकम कॉलोनी। में रहने वाले अकरम को करीब 47 किलोवॉट सीलमपर के नईम को 28 किलोवॉट, भजनपरा के महिपाल को भी 28 किलोवॉट और न्यू उस्मानपुर के मेहकार को 15 किलोवॉट बिजली की चोरी करते पकड़ा गया था। इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के प्रावधानों के तहत उपरोक्त व्यक्तियों पर जर्माना किया गया, लेकिन उन्होंने जुर्माने का भुगतान नहीं किया। उसके बाद बीएसईएस मामले को स्पेशल कोर्ट ले गई, जहां कोर्ट ने उनकी संपत्तियों को सील करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए उनकी संपत्तियों को सील कर दिया गया है। हर्ष विहार निवासी बबलू के बिजली चोरी मामले में स्पेशल कोर्ट के अडिशनल सेशन जज श्री देवेंदर कुमार शर्मा ने आदेश दिया कि ऐसा लगता है कि सेटलमेंट की रकम का भुगतान करने की उनकी कोई मंशा नहीं है। ऐसे में आईओ, टीम लीडर/ टीम मेंबर के सहयोग से उन परिसरों को अटैच/सील कर दें, जिनका निरीक्षण किया गया था। जज ने अपने आदेश में संबंधित एसएचओ को भी निर्देश दिया कि वे निरीक्षण किए गए परिसरों को सील करने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल उपलब्ध कराएं। आदेश में कहा गया कि वर्तमान मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, संबंधित एसएचओ के माध्यम से गिरफ्तारी का वॉरंट इशू किया जाए। सील की गई उपरोक्त छह प्रॉपर्टीज के अलावा, बिजली चोरी के निम्नलिखित मामलों में भी स्पेशल कोर्ट ने संपत्ति को सील/ अटैच करने कासंपत्तियां होंगी आदेश दिया है। हालांकि पिछले वर्षों के दौरान बिजली चोरी के मामलों में काफी कमी दिल्ली आई है। 2002 में दिल्ली में बिजली की चोरी लगभग 60 प्रतिशत थी, जबकि अब यह घटकर करीब 8 प्रतिशत पर आ गई है। लेकिन, अभी भी कई इलाके हजार ऐसे हैं, जहां भारी मात्रा में बिजली की चोरी हो रही है। बिजली चोरी रोकने गई टीमों पर कई बार असामाजिक तत्वों ने हमले भी किए हैं, लेकिन तमाम बिजली विपरीत परिस्थितियों में भी दिल्ली पुलिस के सहयोग से डिस्कॉम्स बिजली चोरी को रोकने का लगातार प्रयास कर तहत रही हैं। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि जब बिजली चोरी की जांच करने वाली टीम घटनास्थल पर पहुंचती है, तो असामाजिक तत्व उन्हें घेर लेते हैं और जांच नहीं करने देते। बिजली चोरी पकड़ने के लिए में बीएसईएस बड़े पैमाने पर तकनीक का सहारा ले रही है, जिनमें एनैलिटिक्स मदद भी शामिल है। साथ ही, बिजली चोरी के मामलों के तत्काल निपटारे के लिए दिल्ली स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के साथ मिलकर समय-समय पर लोक अदालतों का आयोजन भी किया जाता है। पिछली 22 लोक अदालतों में 37 हजार से अधिक मामलों का मौके पर ही निपटारा किया गया। बीएसईएस ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे किसी भी तरीके से बिजली की चोरी न करें। बीएसईएस प्रवक्ता के मुताबिक, बिजली चोरी, इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धाराओं के तहत एक दंडणीय अपराध है। बिजली चोरी के मामलों में भारी जुर्माने और/या पांच साल तक की जेल की सजा का प्रवधान है। बीएसईएस ने उपभोक्ताओं से यह भी अनुरोध किया है कि वे बिजली चोरी के खिलाफ मुहिम में उसका साथ दें और इस बुराई को जड़ से खत्म करने में बीएसईएस की मदद करें।
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