- स्वच्छ भारत दिवस 2024 महात्मा गांधी जी एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल वीर शास्त्री जी की जन्मजयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलसचिव एवं शहरी कार्य मंत्रालय एवं सचिव, प्लीकेट शहरी कार्य मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार विज्ञान भवन द्वारा आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की गरिमामयी उपस्थितिअतिथि एवं आवास शहरी कार्य मंत्री, श्री मनोहर लाल किला जी, राज्य मंत्री श्री तोखन साहू जी, राज्य मंत्री जल शक्ति मंत्री, श्री वी. सोमन्ना जी, अतिथि आवास एवं शहरी कार्य मंत्री, राज्य मंत्री श्री तोखन साहू जी, राज्य मंत्री जल शक्ति राज्य मंत्री, श्री राज भूषण चौधरी जी एवं अन्य विशिष्ट तीर्थयात्रियों के गरिमामय दर्शन, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के परम सान्निध्य एववेस्ट टु वेल्थ की
- समाचार संग्रह
- ऋषिकेष/दिल्ली। स्वच्छ भारत मिशन के दस साल पूरे होने पर हर भारतीय को अपार खुशी है। आज क्लीन भारत दिवस - 2024, प्रधानमंत्री भारत श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद जी सरस्वती ने कहा कि आज क्लीन भारत दिवस दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा - 2024 के अवसर पर मोदी जी ने क्या बनाया। उन्होंने अपने बोधन से भाईचारे को जोड़ा, यही तो जरूरी है इस देश को जोड़ने की और भाईचारे को साथ लेकर चलने की। बातें पहले भी थीं लेकिन मोदी जी के साथ ईमानदारी से काम करने की जो बात है वह अद्भुत है इसलिए माध्यम से जन भागीदारी, जन जागरूकता और जन सहयोग को भी मजबूत किया जा सकता है। आज का यह मंत्रस्वतंत्रता ही सेवा,स्वतंत्रता ही प्रकृति,स्वतंत्रता ही संस्कार यह अद्भुत है। अब हमारे संस्कारों को ख़त्म करना नहीं बल्कि हमारे संस्कारों को भी ख़त्म करना है क्योंकि ये बहुत बड़े कर्तव्य हैं। प्रधानमंत्री जी ने बहुत बड़ी बात कही कि हम रोज-रोज क्यों नहीं ले सकते। अब तो यही मंत्र हो कि मेरे गुण मेरे हैं। मेरा शहर मेरी शान और मेरा गांव मेरा तीर्थ बने और ये यात्रा स्वयं से होगी, स्वयं के घर से होगी और अपनी गली से होगी। ये घर से गली की यात्रा है; गली से गाँव की यात्रा है। मुज़फ़्फ़र से मुज़फ़्फ़र की यात्रा है. इस यात्रा से सब जुड़े हुए हैं या सब जुड़े हुए हैं। स्वामी जी ने कहा था कि मेरे मंदिर को नहीं बल्कि मेरे मंदिर को साफ करना चाहिए। अब समय आ गया है कि हम दिमाग, शेयर और विचारों की गंदगी को भी साफ करें। गंदगी को साफ करना किसी एक दल का नहीं बल्कि दिलवालों का काम है। स्वामी जी ने पूज्य बाबूलाल एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल वीर शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धाजंलि साक्षी देते हुए कहा था कि अद्भुत व्यक्तित्व थे दोनों महापुरुष। स्वामी जी ने कहा था कि छुट्टा तो चल गया, पूरी दुनिया को अहिंसा का शाश्वत और चिरस्थायी मंत्र दे दिया गया। आज अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी है। अहिंसा केवल हमारे व्यवहार में ही नहीं है बल्कि भारत के डीएनए में हैं। यानी 'हिंसा न करना' ही नहीं है, बल्कि हम 'हिंसा न करना' ही नहीं हैं, बल्कि हम अहिंसा ही प्यार करते हैं, सारी दुनिया से करना ही तो अहिंसा है। अध्यात्म की सबसे बड़ी शक्ति अहिंसा ही है। अहिंसा का अर्थ 'हिंसा न करना' ही नहीं है बल्कि हम अपने आप को जो प्रेम करते हैं वह सब अहिंसा ही है। यह समग्र मानव हमारा ही तो विस्तार है;हमारा ही तो परिवार है। आत्मवत् सर्व भूतेषु सभी को समान रूप से देखें और शांति, सहनशीलता और करुणा को बढ़ावा दें दो यही तो अहिंसा ही युगधर्म है। और आज के समय में पर्यावरण अहिंसा की सबसे ज्यादा जरूरत है।
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