नवरात्रि में उपवास के साथ-साथ मोबाइल फास्टिंग और मौन का भी ले संकल्प : अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋशिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के पावन सान्निध्य आशीर्वाद से नवरात्रि के पावन अवसर पर श्रीरामचरित्र मानस का नवाह्नपारायण पाठ विशेष अनुष्ठान का शुभारम्भ हुआ। संपूर्ण श्रीरामचरित्र मानस का पाठ नवरात्रि के नौ दिन तक। यह पाठ केवल धार्मिक आस्था को मजबूत नहीं करता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है।
नवाह्नपारायण पाठ में प्रथम दिन श्रीरामकाल आश्रम, मंगलाचरण फिर श्रीराम जन्मोत्सव, राजा दशहरा पुत्रेष्टि यज्ञ, धनुराशि भंग श्रीराम जानकी विवाह, कपके भवन, श्रीराम वन गमन, दशरथ मरण, भरतचित्र प्रस्थान, श्रीराम भरत मिलन, श्रीराम भारत संवाद, शबरी की नवधा रामसेतु निर्माण , रामसेतु स्थापना, लक्ष्मण मूर्छा, माता सीता की अग्नि परीक्षा और अंतिम दिन श्रीराम राज्य अभिषेक और कलियुग की महिमा का गुणानुवाद किया जाएगा
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि नवरात्रि, शक्ति, भक्ति और ऊर्जा का पर्व है। यह पर्व सभी के जीवन को नव हर्ष और नव उत्कर्ष से भर देता है। नवरात्रि हमें अध्यात्म, आत्मज्ञान और आत्मसाक्षात्कार का अवसर प्रदान करती है। हम बाहरी प्रकाश के लिए विज्ञान के अनेक प्रयोग करते हैं लेकिन आत्मप्रकाश के लिए यह नवरात्रि का पावन पर्व है। ये नौ दिन किसी और के लिए नहीं बल्कि अपने आंतरिक दर्शन और आत्मावलोकन के दिन हैं। ये साधना, स्वाध्याय और सेवा के नौ दिन हैं। ये अर्पण, तर्पण और दान के नौ दिन शुद्धि, हित शुद्धि और शुद्धि के नौ दिन हैं।
स्वामी जी ने कहा था कि इस बार नवरात्रि का व्रत रखें, व्रत रखें लेकिन एक नियम और याद रखें कि अब प्रति दिन कुछ घंटे मोबाइल का भी फास्ट फास्टिंग शुरू हो जाएगा। इस नवरात्रि पर मोबाइल से समय बचाकर देशहित पर ध्यान दें और देश के निर्माण में समय लगाएं क्योंकि राष्ट्र है तो हम हैं।
स्वामी जी ने कहा कि नवरात्रि में चित्त शुद्धि का बहुत बड़ा महत्व है और चित्त शुद्धि के लिए नियमित ध्यान करें, सत्संग और धार्मिक श्रवण से मन शांत होगा, दर्शन भी शुद्ध होंगे और मन की भी शुद्ध होगी। निःस्वार्थ सेवा करने से भी मन में पवित्रता आती है और व्यवहार का नाश फिर आध्यात्मिक विकास की ओर हो सकता है।
आइए मां के नौ स्वरूपों में हम अपने घर, परिवार और समाज में रहने वाली कन्याओं में भी मां के दिव्य स्वरूपों के दर्शन करें। जिस दिन हर कन्या, हर स्त्री और हर नारी में देवी के होते हैं उस दिन मेरी नवरात्रि के व्रत, उपवास, साधना, पूजा, आराधना सब कुछ सफल हो जाएंगे। इस बार कन्या पूजन के साथ-साथ कन्याओं की सुरक्षा का भी समर्थन लें। सच तो यह है कि कन्याओं को केवल नवरात्रि में जिमाएं ही नहीं बल्कि उन्हें अपनी प्राथमिकता पर खड़ा करना है, अन्यथा परंपरा भी बचेगी या पर्यावरण भी बचेगा तो असल में नवरात्रि पूजन है। नवरात्रि आत्मशास्त्र एवं आहार शुद्धि का पर्व है। इस पावन पर्व पर समाज एवं सृष्टि की सेवा में शक्तियाँ प्राप्त हुईं।
परमार्थ निकेतन माँ गंगा जी के तट से नवरात्रि की
शुभकामनाएँ विश्व शांति यज्ञ की हुई शुरुआत * * शक्ति, भक्ति और ऊर्जा के देवता का दिव्य पर्व माँ शैलपुत्री की कृपा आप सभी पर बनी रहे! सभी का कल्याण हो! माँ सबके जीवन को नव हर्ष और नव उत्कर्ष से भर दे स्वामी चिदानन्द सरस्वती
सुंदर कांड मित्र मंडल, भिवंडी द्वारा परमार्थ निकेतन में श्रीरामचरित्र मानस नवाह्नपारायण पाठ का आयोजन किया जा रहा है। यह मंडल वर्ष 2000 से नवरात्रि के अवसर पर विभिन्न धार्मिक स्थलों पर श्रीरामचरित्र मानस नवाह्नपारायण पाठ का आयोजन कर रहा है। इस पर श्री शिव मूंधड़ा जी, श्री नंदकिशोर मो. मंत्री आदि विशेष योगदान प्रदान कर रहे हैं। श्री मनोज राठी एवं शशि राठी जी को उनके योगदान के लिए पूज्य स्वामी जी ने विशेष धन्यवाद दिया।




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