“जल है तो कल है” का संदेश लेकर अमेरिका की धरती से सूरत पहुँचे स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी

ज्वेलर्स होलसेल एसोशिएसन सूरत द्वारा आयोजित स्नेह मिलन कार्यक्रम में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी मुख्य अतिथि के रूप में विशेष रूप से आंमत्रित,जल शक्ति मंत्री श्री सी आर पाटिल जी, श्री हर्ष संघवी जी, गृहमंत्री गुजरात सरकार, श्री मुकेश भाई, पर्यावरण मंत्री गुजरात सरकार, श्री परेश भाई पटेल, बीजेपी अध्यक्ष, गुजरात, श्री जगत भाई, बीजेपी उपाध्यक्ष गुजरात, श्री प्रताप भाई जीरावाला, श्री दसेश भाई, मेयर सूरज की गरिमामयी उपस्थिति,रूद्राक्ष के दिव्य पौधे और अंगवस्त्र देकर किया भेंट,वर्ष 2025 पुरस्कारों का वितरण

ऋषिकेश/सूरत,(ख.स.)। जल है तो कल है की गूंज के साथ सूरत के प्रतिष्ठित ज्वेलर्स होलसेल एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्नेह मिलन कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को मुख्य अतिथि के रूप में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम में माननीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

इस अवसर पर जल संरक्षण, भूजल स्तर की गिरावट, पर्यावरणीय असंतुलन और जल के बढ़ते संकट जैसे विषयों पर गंभीर मंथन हुआ। “जल है तो कल है” के संदेश के साथ जल संचय जागृति अभियान का उद्घोष किया गया, जिसमें समाज के हर वर्ग को जल संरक्षण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने का स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आह्वान किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस अद्भुत कार्यक्रम को आयोजित करने हेतु ज्वेलर्स एसोशिएसन के पदाधिकारियों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि सूरत हीरों की नगरी है जहां से संस्कृति की धारा प्रवाहित होती है। यह डायमंड सिटी, टेक्सटाइल हब ऑफ इंडिया अब जल संरक्षण हेतु आगे आ रही है यह अत्यंत गर्व का विषय है क्योंकि जल है तो कल है। जल क्रान्ति जन क्रान्ति बने, जल जागरण जन जागरण बने। जल की हर बूंद में जीवन है। जल सिर्फ वर्तमान नहीं, हमारा भविष्य भी है इसलिये इसके संरक्षण के लिये सभी को आगे आना होगा।

स्वामी जी ने कहा कि जल संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। जल ही जीवन है, जल है तो कल है। हर बूंद अनमोल है। जल की रक्षा करना केवल एक विकल्प नहीं, हमारी जिम्मेदारी है। जल संकट से बचने का एकमात्र उपाय जागरूकता और सहभागिता। जब तक जल सुरक्षित नहीं, जीवन सुरक्षित नहीं। जल क्रांति को जन क्रांति बनाना होगा। घर-घर, मन-मन में जल के प्रति संवेदना जगानी होगी। यह समय है चेतने का, संयम और संकल्प का। जल की सेवा, जीवन की सेवा है। आइए, जल बचाएँ, भविष्य को सुरक्षित बनाएँ।

उन्होंने युवाओं, व्यापारिक समुदाय और समाज के हर वर्ग से आह्वान किया कि वे जल संरक्षण को केवल एक सरकारी योजना न समझें, बल्कि इसे जन-आन्दोलन बनाएं। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जल संकट से लड़ने के लिए हमें स्थानीय स्तर पर जागरूकता और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना होगा।

जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल जी ने कहा कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देशभर में जल संरक्षण के लिए अनेक योजनाएँ संचालित हो रही हैं, यथा जल जीवन मिशन, अमृत 2.0, और नमामि गंगे परियोजना। उन्होंने कहा कि व्यापारिक संगठनों, संत समाज और युवाओं की सहभागिता से यह अभियान नई ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है।

उन्होंने सूरत को स्वच्छता, व्यापार और सामाजिक सेवा के लिए मॉडल शहर बताते हुए कहा कि अब यह शहर जल संरक्षण में भी अग्रणी भूमिका निभाने जा रहा है।

इस भव्य अवसर पर वर्ष 2025 के लिए विशिष्ट योगदान करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। पुरस्कार उन लोगों को दिए गए जिन्होंने समाज में जल संरक्षण, पर्यावरण जागरूकता, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।

स्नेह मिलन कार्यक्रम समाज के विविध वर्गों को जोड़ने वाला एक संवाद और समर्पण का मंच है। कार्यक्रम के अंत में एक विशेष संकल्प लिया गया जिसमें यह निर्णय हुआ कि जल संचय जागृति अभियान को गुजरात के विभिन्न जिलों में ले जायेंगे। इसके अंतर्गत रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ग्रे वॉटर रीसायक्लिंग, वृक्षारोपण, तालाबों और झीलों के पुनर्जीवन जैसे कार्य किए जाएंगे।

सूरत में आयोजित यह कार्यक्रम संवेदनशीलता, सजगता और समर्पण का संगम था। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल जी की प्रेरणादायी उपस्थिति ने इस आयोजन को एक जन जागरण आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया।

इस अवसर पर श्री जयेश भाई देसाई, श्री मुकेश भाई पटेल, श्री प्रताप भाई जोरावाल, श्री विपुल भाई भूआ, श्री हर्ष भाई सांघवी, श्री प्रफुल्ल भाई पानसेरिया, और अन्य विशिष्ट अथितियों ने सहभाग किया।

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