एयर मार्शल एसपी धारकर राष्ट्र के प्रति 40 वर्षों की शानदार सेवा पूरी करने के बाद, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) से 30 अप्रैल 2025 को उप-प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो गए।

एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित 06 दिसंबर, 1986 को भारतीय वायु सेना की लड़ाकू शाखा में कमीशन हुए थे। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला; रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (बांग्लादेश) और नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। दीक्षित एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक और प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं और उनके पास मिराज-2000, मिग-21 तथा जगुआर सहित 20 से अधिक विमानों का 3,300 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है।
एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने दक्षिणी क्षेत्र में एक प्रमुख लड़ाकू प्रशिक्षण बेस की भी कमान संभाली और उनके नेतृत्व में बेस को कमान में सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया। एक परीक्षण पायलट और बाद में विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान, बैंगलोर में उड़ान परीक्षण स्क्वाड्रन के कमांडिंग अधिकारी के रूप में, दीक्षित जगुआर और मिग-27 के लिए एवियोनिक्स के विकसित रूप सहित कई स्वदेशी उन्नयन और विकास कार्यक्रमों में शामिल रहे। एयर स्टाफ आवश्यकता इकाई के निदेशक के रूप में उन्होंने मध्यम बहु-भूमिका लड़ाकू विमान परीक्षणों की योजना और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एयर मार्शल एसपी धारकर भारतीय वायु सेना के उप-प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए
एयर मार्शल एसपी धारकर राष्ट्र के प्रति 40 वर्षों की शानदार सेवा पूरी करने के बाद, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) से 30 अप्रैल 2025 को उप-प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो गए।
एयर मार्शल धारकर को 14 जून 1985 को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों में फ्लाइंग पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने भारतीय वायुसेना के विभिन्न विमानों पर 3600 घंटे से अधिक उड़ान भरी है।
वे एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक, फाइटर स्ट्राइक लीडर और उपकरण रेटिंग प्रशिक्षक और परीक्षक हैं। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, भारत और आर्मी वॉर कॉलेज, यूएसए के पूर्व छात्र हैं।
उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यभार संभाला, जिसमें पूर्वी वायु कमान (ईएसी) में एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में वरिष्ठ वायु कर्मचारी अधिकारी का पद शामिल है। उन्होंने मुख्यालय ईएसी में वायु रक्षा कमांडर और वायु मुख्यालय में सहायक वायु कर्मचारी प्रमुख (प्रशिक्षण) के पद भी संभाले। वे रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के पहले महानिदेशक थे।
उनकी असाधारण उच्चस्तर की सराहनीय सेवाओं के सम्मान में, एयर मार्शल को 2014 में अति विशिष्ट सेवा पदक, 2023 में परम विशिष्ट सेवा पदक और 2025 में उत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
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