सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मासिक मानस कथा में पूज्य संतों का पावन सान्निध्य

 श्रीराम कथा के मंच से पूज्य संतों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को समर्पित किये अपने भाव,जगद्गुरू स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी दयारामदास जी महाराज, डा साध्वी भगवती सरस्वती जी, पंडित श्री रवि प्रपन्नाचार्य जी, राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष श्री जगदिश परमार्थी जी का श्रीराम कथा में पावन सान्निध्य,राजस्थान की धरती मीरा बाई, भामाशाह, महाराणा प्रताप जैसे महापुरूषों की दिव्य धरती,राजस्थान की धरती पर वैदिक एवं वैलनेस शिक्षा केंद्र बनाने पर हुआ विचार मंथन,स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने जन्मदिवस पर आये सभी पूज्य संतों के आशीर्वाद, प्रेम, समर्पण और डिजिटल प्लेटफाॅर्म से प्राप्त हुये संदेशों को स्वीकार करते हुये सभी के प्रति व्यक्त किया आभार


ऋषिकेश, (ख.स.)। परमार्थ निकेतन में आयोजित मासिक श्रीराम कथा के पावन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के प्राकट्य दिवस के दूसरे दिन एक दिव्य आध्यात्मिक संगम था। इस अवसर पर पूज्य संतों, विद्वानों एवं भक्तगणों ने पूज्य स्वामी जी के सेवा-समर्पणमय जीवन को नमन किया।

जगद्गुरू स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी दयारामदास जी महाराज, डा साध्वी भगवती सरस्वती जी, संत श्री मुरलीधर जी, पंडित श्री रवि प्रपन्नाचार्य जी, तथा राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष श्री जगदीश परमार्थी जी सहित अनेक संतों और विद्वानों ने श्रीराम कथा में सहभाग कर अपने भावों को समर्पित किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि राजस्थान की पावन भूमि समाजसेवियों की भूमि है, वहाँ वैदिक विश्व विद्यालय एवं वेलनेस विश्वविद्यालय की स्थापना की पर भी विचार मंथन किया गया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की धरती मीरा बाई, भामाशाह, और महाराणा प्रताप जैसे महापुरुषों की धरती है। 

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर देश-विदेश से आए संतों, भक्तों, विद्वानों के साथ-साथ डिजिटल माध्यमों से प्राप्त अनेकों संदेशों, आशीर्वादों एवं शुभकामनाओं के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, यह जीवन परमात्मा का उपहार है और सेवा ही सबसे बड़ी उपासना है और प्रकृति की रक्षा ही आज का सबसे बड़ा धर्म है।

जगद्गुरू स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज ने कहा कि पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी हमारे ऋषिकेश के गौरव है और गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों के तटों पर आरती के माध्यम से अपनी गौरवान्वित उपस्थिति रखने वाले पूज्य संत हैं। ऐसे उदार चरित्र वाले पूज्य संतों से भारत भूमि पवित्र है। सभी को एक सूत्र में बांधने के लिये पूज्य स्वामी जी जैसे संतों की इस देश को जरूरत है। आप शतायु हो! जीवेम् शरदः शतम्।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी का जीवन एक ज्योति की तरह है जो स्वयं जलती और अनेकों के जीवन को प्रकाशित करती है। पूज्य स्वामी जी का जीवन, सेवा, साधना और समर्पण का ऐसा संगम है, जहाँ हर कोई अपने जीवन की दिशा और धारा बदल सकता है।

वे एक चेतना हैं, एक ऐसी दिव्य शक्ति जो वर्षों से समाज के हर स्तर, हर आयाम में प्रकाश फैलाने में जुटी है। उनकी करुणा, उनका समर्पण, उनका धैर्य और उनकी विश्वदृष्टि यह सब मिलकर उन्हें एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक से कहीं अधिक बनाते हैं। वे जल, जंगल, जीवन और जनजागृति का एक आंदोलन हैं। उनका जीवन, उनका मार्गदर्शन, उनकी ऊर्जा यह सब हम सबके लिए एक वरदान है।

महामंडलेश्वर स्वामी दयारामदास जी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी ने न केवल ऋषिकेश, उत्तराखंड, भारत बल्कि पूरे विश्व में सनातन संस्कृति की ध्वजा को फहराया है।

पंडित श्री रवि प्रपन्नाचार्य जी ने कहा कि हमारा जीवन उपकार के लिये और धर्म की रक्षा के लिये हो ऐसा ही पूज्य स्वामी जी का जीवन है। इस अवसर पर गौ मुख संकल्प यात्रा के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि जिस प्रकार हम अपने बच्चों को सोलह संस्कार देते हैं उसी प्रकार हमें पौधों का भी संरक्षण करना होगा।

राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष श्री जगदिश परमार्थी जी ने पूज्य स्वामी जी को शुभकामनायें देते हुये कहा कि आपका वरद हस्त सभी पर बना रहे।

स्वामी जी ने सभी पूज्य संतों को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा और श्रीराम परिवार का चित्र भेंट किया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था का सैलाब, हज़ारों भक्त, कनक दंडवत, डिग्गी कल्याण पद यात्रा : विजय शंकर पाण्डेय

  बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था का सैलाब, हज़ारों भक्त, कनक दंडवत, डिग्गी कल्याण पद यात्रा : विजय शंकर  पाण्डेय   जयपुर (ख.सं.)।  जयपुर डिग्गी कल्याण जी पदयात्रा रवाना आज जयपुर ताडकेश्वर मन्दिर चौडा रास्ता से हर वर्ष की तरह डिग्गी कल्याण जी लखी पदयात्रा रवाना हुई जिसका रास्ते में भक्तो द्वारा जगह जगह स्वागत नाश्ता, भोजन व्यवस्था रहेगी। आज ताडकेश्वर मन्दिर से आयोजक श्री जी लोहिया द्वारा उप मुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी जी, एम एल ए गोपाल शर्मा, त्रिवेणी धाम खोजी जी द्वाराचार्य श्री राम रिछपाल दास जी, अवधेशाचार्य जी, धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय ने ध्वज पूजन कर रवाना किया इस अवसर पर श्री जी लोहिया ने सभी को माला दुप्पटा ओढा कर सम्मान किया इस अवसर पर धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय बताया कि डिग्गी कल्याण जी की 60वीं लक्खी पदयात्रा 31 जुलाई को जयपुर के ताड़केश्वर महादेव मंदिर से शुरू हुई थी। यह यात्रा लगभग 90 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 4 अगस्त को डिग्गीपुरी कल्याण जी मंदिर पहुंचेगी।  हमारे खबर संग्रह संवाददाता को यात्रा के मुख्य बिंदु चर्चा में बताया कि यात्र...

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के अधीन:मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

नई दिल्ली (ख.स.)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला ने जो कहा उसकी अपेक्षा एक मुख्यमंत्री से की जाती है, ये बात सही है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है जिसमें मुख्यमंत्री के हाथ में सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन फिर भी उमर अब्दुल्ला ने जो चिंता पहलगाम हमले के बाद विधानसभा के विशेष सत्र में ज़ाहिर की, उसने राष्ट्र के मसले पर भारत की मजबूत एकता का ही एक प्रमाण दिया है। जो एक बड़ी बात है जो उमर अब्दुल्ला ने कही कि बेशक उनके हाथ में कुछ नहीं है लेकिन मेज़बान होने के नाते उनकी ज़िम्मेदारी थी कि जो लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीर आए उन्हें सकुशल वापस भेजा जाए जो नहीं हुआ।  मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला विधानसभा में भावुक होकर बोले कि इस हमले ने हमें अंदर से खोखला किया है, क्या जवाब दूं मैं उस नेवी अफसर की विधवा को, उस छोटे बच्चे को जिसने अपने पिता को खून में लथपथ देखा है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अतीत में हमने कश्मीरी पंडितों और सिख समुदायों पर आतंकी हमले होते देखे हैं, लंबे वक्त के बाद ऐसा हमला हुआ है. मेरे पास पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मा...

उत्तर रेलवे ने सिगनल प्रणाली को आधुनिक

उत्तर रेलवे ने सिगनल प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए रेलटेल एंटरप्राइजिज के साथ समझौता:टी.पी. सिंह   नई दिल्ली (ख स.) रेलटेल कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी रेलटेल एंटरप्राइजिज लिमिटेड(आर.ई.एल.) को उत्तर रेलवे के 13 रेलवे स्टेशनों पर  पुराने मैकेनिकल सिगनलिंग उपकरणों को बदलने और उनके स्थान पर अत्याधुनिक इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली लगाने का कार्य सौंपा गया है । मौजूदा मैकेनिकल सिगनलिंग प्रणाली में सिगनलडाउन  करने और पटरियों को बदलने के लिए लीवर फ्रेमों का इस्तेमाल होता है । नई इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिगनलिंग प्रणाली माऊस के एक क्लिक से ही सिगनल डाउन  करने और पटरियों को बदलने में सक्षम होगी ।  आर.ई.एल. को जिन 13 रेलवे स्टेशनों का कार्य सौंपा गया है उनमें से 3 दिल्ली मंडल और 10 अम्बाला मंडल के हैं । दिल्ली मंडल के 3 स्टेशनों में कलायत, कैथल और पेहोवा रोड और अम्बाला मंडल के 10 रेलवे स्टेशनों में आनन्‍दपुर साहिब, नंगलडैम, रोपड़ थर्मल प्लांट, बलुआना, गिद्दडबाहा, मलौट, पक्की, पंजकोसी, हिंदूमलकोट और फ...