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मालखाने से करोड़ों की चोरी, हेड कॉन्स्टेबल ही निकला मास्टरमाइंड

नई दिल्ली (ख.स.)। देश की राजधानी में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने दिल्ली पुलिस की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के लोधी रोड स्थित मुख्यालय के मालखाने से करोड़ों रुपये की चोरी का खुलासा हुआ है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस बड़ी चोरी को किसी बाहरी अपराधी ने नहीं, बल्कि खुद पुलिस विभाग में तैनात एक हेड कॉन्स्टेबल ने अंजाम दिया।

आरोपी हेड कॉन्स्टेबल खुर्शीद आलम को चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच के दौरान उसके घर से लगभग 50 लाख रुपये नकद और बड़ी मात्रा में सोना बरामद हुआ है। पुलिस ने बताया कि खुर्शीद आलम स्पेशल सेल के मालखाने में कई वर्षों से तैनात था और हाल ही में उसका तबादला पूर्वी दिल्ली जिले में कर दिया गया था। लेकिन मालखाने में उसकी पुरानी पोस्टिंग और पहचान के कारण वह वहां बेरोकटोक प्रवेश कर सका।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, खुर्शीद ने मालखाने की डुप्लीकेट चाबी बनवा रखी थी। उसी के सहारे उसने चोरी की वारदात को अंजाम दिया। 30 और 31 मई की रात को वह मालखाने पहुंचा। चूंकि स्टाफ उसे पहले से जानता था, इसलिए उसे बिना किसी संदेह के भीतर जाने दिया गया। इसके बाद उसने पुलिसकर्मियों की आंखों के सामने ही गोदाम से लगभग 60 लाख रुपये नकद और बड़ी संख्या में गहने चुरा लिए। चोरी का पता लगते ही दिल्ली पुलिस ने तत्परता दिखाई और सीसीटीवी फुटेज की जांच की। फुटेज में खुर्शीद आलम की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं, जिसके बाद उस पर शक गहराया। विशेष टीम ने सिर्फ छह घंटे के भीतर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। दिल्ली पुलिस ने उसके घर पर छापा मारकर चोरी की गई नकदी और सोने के गहने बरामद कर लिए हैं। फिलहाल आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। साथ ही, विभागीय स्तर पर उसे बर्खास्त करने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है। इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग के भीतर की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि आंतरिक भ्रष्टाचार किस हद तक पुलिस तंत्र को प्रभावित कर सकता है। अब यह मामला दिल्ली पुलिस के लिए एक चेतावनी भी है कि सिस्टम की सुरक्षा और निगरानी में सुधार की आवश्यकता है, ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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