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चिकित्सकों कि बिना एक स्वस्थ, समर्थ और सशक्त समाज की कल्पना अधूरी : स्वामी चिदानन्द जी

 ऋषिकेश, (ख.स.)। चिकित्सक केवल पेशेवर ही नहीं होते, वे करुणा, सेवा और समर्पण की प्रतिमूर्ति होते हैं। वे जीवन के रक्षक और मानवता के प्रहरी हैं। उनके बिना एक स्वस्थ, समर्थ और सशक्त समाज की कल्पना अधूरी है। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश से स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी चिकित्सकों को अनेकानेक शुभकामनायें दी।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि डॉक्टर्स केवल दवाइयों से ही नहीं, अपने शब्दों, स्पर्श और संवेदना से भी उपचार करते हैं। वे न केवल जीवन बचाते हैं, बल्कि टूटती हुई आशाओं को फिर से संजीवनी देते हैं। वे वास्तव में धरती पर भगवान का रूप हैं। स्वामी जी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय जिस प्रकार हमारे डॉक्टर्स ने अपनी जान की परवाह किए बिना सेवाभाव से कार्य किया, वह आधुनिक युग की तपस्या का उत्कृष्ट उदाहरण है। 

जब पूरी दुनिया लॉकडाउन में थी, तब डॉक्टर्स लाइफलाइन बनकर सक्रिय थे। वे केवल चिकित्सा कर्मी नहीं, अपितु सेवा, साहस और संवेदना के जीवंत उदाहरण हैं।

डॉक्टर्स की सेवा भावना और त्याग को प्रणाम करते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टर केवल एक ‘प्रोफेशन’ का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे आधुनिक युग के वे ऋषि हैं, जो विज्ञान और सेवा के संगम से मानवता की रक्षा कर रहे हैं। वे अपनी दक्षता और कर्मठता से सेवा कर स्वास्थ्य की रक्षा के साथ मानवता की भी रक्षा करते हैं।

स्वामी जी ने यह भी कहा कि चिकित्सा केवल शरीर का उपचार नहीं है, बल्कि आत्मा को भी छूने की क्रिया है। जब आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भारतीय ज्ञान, योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़ती है, तब सम्पूर्ण स्वास्थ्य का निर्माण होता है।

इस अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि हमारे डॉक्टर जीवन की रक्षा करते हैं, वैसे ही वृक्ष पृथ्वी की रक्षा करते हैं। वृक्ष और डॉक्टर दोनों जीवनदाता हैं। डॉक्टर शरीर को स्वस्थ रखते हैं, तो वृक्ष वातावरण को शुद्ध और संतुलित बनाते हैं। दोनों ही अपने-अपने स्तर पर जीवन को बचाने और संवारने का कार्य करते हैं। वास्तव में, डॉक्टर्स और वृक्ष दोनों ही सजीव प्रकृति के दो रूप हैं जो निःस्वार्थ सेवा का प्रतीक हैं।

स्वामी जी ने आगे कहा कि वृक्ष, पृथ्वी के डॉक्टर हैं। जिस प्रकार डॉक्टर हमें रोगों से बचाते हैं, वैसे ही वृक्ष वायु प्रदूषण, जल संकट और जलवायु परिवर्तन से रक्षा करते हैं। 

आज की परमार्थ गंगा आरती देश के सभी चिकित्सकों के समर्पित करते हुये उनके दीर्घायु, स्वस्थ जीवन और सेवा कार्य में सफलता हेतु समर्पित की।  डॉक्टर्स केवल इलाज नहीं करते, वे जीवन में रोशनी लाते हैं। वे उम्मीद की लौ हैं, सेवा की मिसाल हैं, और मानवता के प्रहरी हैं।

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