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प्रदेश में पशुपालन डिप्लोमा प्रशिक्षण संस्थान खोलना अब होगा आसान

जयपुर (ख.स.)। राजस्थान में अब दो वर्षीय पशुपालन डिप्लोमा संस्थान खोलना अब और भी आसान होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिशा-निर्देशन में गठित मंत्री मंडलीय उप समिति ने पशुपालन डिप्लोमा संस्थान की स्थापना/संचालन हेतु विभागीय प्रक्रिया/दिशा-निर्देश/नीति-2022 में आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव दिया है।










इस संशोधन के बाद संशोधित पॉलिसी-2025 के लागू होने से डिप्लोमा कॉलेज खोलना आसान हो जाएगा। मंत्री मंडलीय उप समिति के संयोजक व पशुपालन, गोपालन, देवस्थान एवं डेयरी विभाग के केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में सात बिंदुओं पर चर्चा हुई।
इसमें उप समिति के सदस्य व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा, गृह, गोपालन, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य विभाग के राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कुछ बिंदुओं में आवश्यक संशोधन का सुझाव रखा। इन संशोधन के सुझावों पर समस्त सदस्यों की सहमति के बाद निर्णय के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पास भेजा जाएगा।
उप समिति के संयोजक जोराराम कुमावत ने बताया कि नए संस्थान के लिए आवेदक संस्थान के नाम कुल भूमि, पंजीकरण शुल्क व निरीक्षण शुल्क, संस्थान में सीसीटीवी एवं बायोमैट्रिक मशीन के प्रावधान, सीट में बढ़ोतरी तथा निजी विश्वविद्यालयों हेतु एनओसी से संबंधित प्रावधान पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि नीति-2022 में कुछेक बिंदुओं पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अनुमति के बाद आंशिक संशोधन के उपरांत नई पॉलिसी-2025 लागू की जाएगी। इसके बाद नई पॉलिसी के तहत प्रदेश में पशुपालन डिप्लोमा संस्थान खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर से संबंद्ध कुल 81 संस्थानों द्वारा दो वर्षीय पशुपालन डिप्लोमा पाठयक्रम का संचालन किया जा रहा है। इन संस्थानों में से जोधपुर, उदयपुर, कोटा एवं जयपुर सहित कुल चार प्रशिक्षण संस्थान राजकीय क्षेत्र में स्थापित हैं।
इन संस्थानों से दो वर्षीय डिप्लोमा पाठयक्रम प्राप्त कर प्रतिवर्ष लगभग 5000 से अधिक पैरा-वेट्स उतीर्ण होते हैं। अब प्रदेश में आवश्यकतानुसार और नए डिप्लोमा संस्थान खोलने के लिए नीति-2022 में आवश्यक संशोधन के बाद नए संस्थान खोले जाएंगे। बैठक में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की शासन उप सचिव संतोष करोल, पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ आनंद सेजरा तथा विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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