सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

क्षमा वह सेतु है जो हमें ईश्वर और इंसानियत दोनों से जोड़ता है : स्वामी जी

ऋषिकेश,(ख.स.)। अंतर्राष्ट्रीय क्षमा दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज के वैश्विक परिप्रेक्ष्य में, जब सामाजिक ताना-बाना अत्यधिक तनाव, अपेक्षाओं और द्वेष से जकड़ा हुआ प्रतीत होता है, तब अंतर्राष्ट्रीय क्षमा दिवस आपसी संबंधों को सशक्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर है। 

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि अक्सर हम नाराज रहकर अपनों से दूरी तो बना लेते हैं, लेकिन सुकून नहीं पाते। नाराजगी केवल दूसरों को नहीं, हमें भी अंदर से जला देती है। 

स्वामी जी ने क्षमा को आत्मा की औषधि कहा और बताया कि यह केवल व्यक्ति को नहीं, समाज को भी स्वस्थ और सशक्त बनाती है। उन्होंने कहा कि जो समाज क्षमा को अपनाता है, वह द्वेष, हिंसा और संघर्ष की जगह करुणा, समरसता और सहअस्तित्व का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने युवाओं का विशेष रूप से आह्वान करते हुए कहा कि डिजिटल युग में, जहां भावनाएं स्क्रीन के पीछे छिप जाती हैं और संवाद केवल ‘टाइप’ तक सीमित रह जाता है, वहां क्षमा का भाव और अधिक आवश्यक हो गया है। युवा पीढ़ी को यह समझना होगा कि क्षमा करना ‘कमजोर’ होने की निशानी नहीं, बल्कि अपनी भावनाओं पर विजय पाने की कला है। क्षमा वही कर सकता है, जिसमें भीतर करुणा और समर्पण हो।स्वामी जी ने भारतीय सांस्कृतिक संदर्भ देते हुए कहा कि हमारे शास्त्रों और संत परंपरा में क्षमा को अत्यंत उच्च स्थान दिया गया है। भगवान राम ने रावण जैसे शत्रु के प्रति भी अंततः क्षमा का भाव रखा। भगवान कृष्ण ने अपने शत्रुओं तक को माफ कर दिया। महात्मा गांधी ने कहा था, क्षमा वीरों का गुण है। स्वामी दयानन्द सरस्वती जी, भगवान महावीर स्वामी, महात्मा बुद्ध एवं अनेकों महापुरूषों ने क्षमा का संदेश देकर समाज को एक दिशा दी है।

स्वामी जी ने कहा कि जब हम स्वयं को क्षमा करते हैं, तब हम आत्मग्लानि से मुक्त होते हैं। जब हम दूसरों को क्षमा करते हैं, तब हम रिश्तों की नई शुरुआत करते हैं और जब हम समाज को क्षमा का संदेश देते हैं, तब हम एक बेहतर विश्व की नींव रखते हैं।

क्षमा, सेवा और समर्पण की जननी है। जब मन क्षमा से शांत होता है, तभी वह सेवा और परोपकार के लिए समर्पित हो सकता है इसीलिए, क्षमा केवल व्यक्तिगत नहीं, यह एक सामाजिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है। यदि आप किसी से नाराज हैं तो उन्हें क्षमा करें। यह क्षमा उन्हें नहीं, आपको मुक्त करेगी। अपने भीतर के बोझ को उतारें, संबंधों को फिर से जीवित करें।

जीवन में सबसे बड़ा परिवर्तन तब आता है जब हम अपनी चोटों, नाराजगियों और द्वेष को छोड़कर प्रेम, करुणा और क्षमा को अपनाते हैं। यही सनातन संस्कृति की शिक्षा है और यही विश्व शांति की राह भी। क्षमा केवल शब्द नहीं, यह आत्मा की शुद्धि और संबंधों की पुनर्स्थापना का साधन है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था का सैलाब, हज़ारों भक्त, कनक दंडवत, डिग्गी कल्याण पद यात्रा : विजय शंकर पाण्डेय

  बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था का सैलाब, हज़ारों भक्त, कनक दंडवत, डिग्गी कल्याण पद यात्रा : विजय शंकर  पाण्डेय   जयपुर (ख.सं.)।  जयपुर डिग्गी कल्याण जी पदयात्रा रवाना आज जयपुर ताडकेश्वर मन्दिर चौडा रास्ता से हर वर्ष की तरह डिग्गी कल्याण जी लखी पदयात्रा रवाना हुई जिसका रास्ते में भक्तो द्वारा जगह जगह स्वागत नाश्ता, भोजन व्यवस्था रहेगी। आज ताडकेश्वर मन्दिर से आयोजक श्री जी लोहिया द्वारा उप मुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी जी, एम एल ए गोपाल शर्मा, त्रिवेणी धाम खोजी जी द्वाराचार्य श्री राम रिछपाल दास जी, अवधेशाचार्य जी, धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय ने ध्वज पूजन कर रवाना किया इस अवसर पर श्री जी लोहिया ने सभी को माला दुप्पटा ओढा कर सम्मान किया इस अवसर पर धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय बताया कि डिग्गी कल्याण जी की 60वीं लक्खी पदयात्रा 31 जुलाई को जयपुर के ताड़केश्वर महादेव मंदिर से शुरू हुई थी। यह यात्रा लगभग 90 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 4 अगस्त को डिग्गीपुरी कल्याण जी मंदिर पहुंचेगी।  हमारे खबर संग्रह संवाददाता को यात्रा के मुख्य बिंदु चर्चा में बताया कि यात्र...

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के अधीन:मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

नई दिल्ली (ख.स.)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला ने जो कहा उसकी अपेक्षा एक मुख्यमंत्री से की जाती है, ये बात सही है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है जिसमें मुख्यमंत्री के हाथ में सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन फिर भी उमर अब्दुल्ला ने जो चिंता पहलगाम हमले के बाद विधानसभा के विशेष सत्र में ज़ाहिर की, उसने राष्ट्र के मसले पर भारत की मजबूत एकता का ही एक प्रमाण दिया है। जो एक बड़ी बात है जो उमर अब्दुल्ला ने कही कि बेशक उनके हाथ में कुछ नहीं है लेकिन मेज़बान होने के नाते उनकी ज़िम्मेदारी थी कि जो लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीर आए उन्हें सकुशल वापस भेजा जाए जो नहीं हुआ।  मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला विधानसभा में भावुक होकर बोले कि इस हमले ने हमें अंदर से खोखला किया है, क्या जवाब दूं मैं उस नेवी अफसर की विधवा को, उस छोटे बच्चे को जिसने अपने पिता को खून में लथपथ देखा है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अतीत में हमने कश्मीरी पंडितों और सिख समुदायों पर आतंकी हमले होते देखे हैं, लंबे वक्त के बाद ऐसा हमला हुआ है. मेरे पास पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मा...

उत्तर रेलवे ने सिगनल प्रणाली को आधुनिक

उत्तर रेलवे ने सिगनल प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए रेलटेल एंटरप्राइजिज के साथ समझौता:टी.पी. सिंह   नई दिल्ली (ख स.) रेलटेल कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी रेलटेल एंटरप्राइजिज लिमिटेड(आर.ई.एल.) को उत्तर रेलवे के 13 रेलवे स्टेशनों पर  पुराने मैकेनिकल सिगनलिंग उपकरणों को बदलने और उनके स्थान पर अत्याधुनिक इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली लगाने का कार्य सौंपा गया है । मौजूदा मैकेनिकल सिगनलिंग प्रणाली में सिगनलडाउन  करने और पटरियों को बदलने के लिए लीवर फ्रेमों का इस्तेमाल होता है । नई इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिगनलिंग प्रणाली माऊस के एक क्लिक से ही सिगनल डाउन  करने और पटरियों को बदलने में सक्षम होगी ।  आर.ई.एल. को जिन 13 रेलवे स्टेशनों का कार्य सौंपा गया है उनमें से 3 दिल्ली मंडल और 10 अम्बाला मंडल के हैं । दिल्ली मंडल के 3 स्टेशनों में कलायत, कैथल और पेहोवा रोड और अम्बाला मंडल के 10 रेलवे स्टेशनों में आनन्‍दपुर साहिब, नंगलडैम, रोपड़ थर्मल प्लांट, बलुआना, गिद्दडबाहा, मलौट, पक्की, पंजकोसी, हिंदूमलकोट और फ...