अपने दृढ़ संकल्प और अपनी इच्छा शक्ति के बल पर महिला सशक्तिकरण एवं युवाओं का मार्गदर्शन कर रोजगार प्रति कृतसंकल्प है वरिष्ठ समाजसेवी अंजू भंडारी
आर्थिक सशक्तिकरण जब महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होती हैं, तो वे अपने परिवार और समाज के लिए अधिक योगदान कर सकती हैं।हाल ही में, उनके संस्थान ने महिला दिवस की पूर्व संध्या पर समाज के लिए योगदान देने वाले लोगों की प्रशंसा में एक कार्यक्रम आयोजित किया। वह भारतीय मानवाधिकार परिषद के सलाहकार बोर्ड की सक्रिय सदस्यों में से एक हैं और साथ ही उन्होंने सामाजिक जगत में भी गहरी रुचि दिखाई है। यही कारण है कि वह यूनिवर्सिटी कवरेज, टॉलीवुड न्यूज़ स्टार्स, पॉलिटिकल टाइम्स इंडिया आदि की मासिक पत्रिकाओं की सदस्य रही हैं। वह जरूरतमंद वयस्कों को घर बसाने में भी मदद करती हैं और क्षेत्र के हर कोने में भोजन और आश्रय प्रदान करती हैं। उन्होंने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान का भी समर्थन किया है। उन्होंने कई अन्य जागरूकता अभियानों में भी अपना योगदान दिया है, जिनमें "ग्रीन ग्रो" के लिए पर्यावरण अभियान, पीड़ितों को जीवन जीने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करके समाज द्वारा चलाया जाने वाला अभियान आदि शामिल हैं।
अपने अद्भुत कार्यों के लिए, उन्हें समाज के प्रति निरंतर सहयोग के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 5 मार्च 2017 को इंडिया इंटरनेशनल में "बीइंग वुमन ऑफ सब्सटेंस" के रूप में, 23 अगस्त को कुरुक्षेत्र में "हिंदुस्तान गौरव" पुरस्कार, दिल्ली में "रियल लाइफ अचीवर्स" पुरस्कार, गोहाना में "एजुकेशन एम्बेसडर" पुरस्कार आदि से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने खेल, शिक्षा और सामाजिक समारोहों से जुड़े कुछ कार्यक्रमों में अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्हें कुछ गैर-सरकारी संगठनों और संबद्ध संस्थानों द्वारा भी उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है, जिनमें "सफर", "आर्ट अकादमी", "मैग्नेट हायर एजुकेशन रिसर्च डेवलपमेंट", "इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग स्टडीज", "पार्थम प्रयास एजुकेशनल सोसाइटी" आदि शामिल हैं।
जीवन भर उनका एकमात्र लक्ष्य अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ का अन्वेषण करना है।
अंजू भंडारी ने अपनी बात जारी रखते हुए बताया कि महिलाओं का सशक्तिकरण एक सतत प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए निरंतर प्रयास करने होते हैं। हमें महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं का समर्थन करना चाहिए और समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना चाहिए






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