नई दिल्ली (ख.स.)। दिल्ली कमेटी द्वारा अपने सदस्यों को उपलब्ध कराए गए वाहनों का इस्तेमाल निजी और टैक्सी के रूप में किया जा रहा है। हमारे ध्यान में लाए गए एक वीडियो में, एक वाहन का इस्तेमाल बच्चों को स्कूल और कॉलेज छोड़ने के लिए किया जा रहा है। ऐसा करके वे व्यक्तिगत रूप से गुरु की संगत का पैसा खर्च कर रहे हैं और पंथ के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात कर रहे हैं।
इसके साथ ही, कमेटी द्वारा दिए गए वेतन पर काम करने वाले और उन वाहनों को चलाने वाले गुरसिख युवा भी बच्चों की सेवा कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि कमेटी के चुनाव जीतने के लिए लाखों रुपये खर्च करने वाले सदस्य अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल अपने बच्चों को स्कूल और कॉलेज छोड़ने के लिए नहीं कर सकते। कमेटी के अध्यक्ष और सचिव को संगत को बताना चाहिए कि कमेटी के काम के लिए सदस्यों को जो वाहन उपलब्ध कराए गए हैं, उन पर होने वाले खर्च के बारे में खुलासा किया जाना चाहिए और प्रत्येक सदस्य पर हर महीने संगत का कितना पैसा बर्बाद हो रहा है। एक तरफ, कमेटी के अधीन चल रहे स्कूल कॉलेज का बकाया कोर्ट के अनुसार 400 करोड़ रुपये से बढ़कर 500 करोड़ रुपये हो गया है और उस बकाया को वापस कैसे चुकाया जाएगा, इस पर कोई रोडमैप नहीं दिया जा रहा है। दूसरी ओर, सदस्यों पर बेतहाशा खर्च हो रहा है। ऐसे में संगत का कर्तव्य है कि वह आगे आकर प्रशासकों से पूछे, हिसाब मांगे कि संगत का पैसा कहाँ खर्च हो रहा है, हमारे स्कूल बर्बादी के कगार पर क्यों पहुँच गए हैं। हरमीत सिंह कालका का कर्तव्य है कि वे कमेटी द्वारा दिए गए वाहनों को कमेटी सदस्यों से वापस लें और उनसे पेट्रोल, डीजल और वाहन के रखरखाव का खर्च वसूल कर गुरु की गोलक में जमा करें। इसके साथ ही, कमेटी प्रशासकों को भी अपने सदस्यों के काम और उनके जीवनयापन के लिए आय के स्रोत के बारे में संगत को बताने की सख्त ज़रूरत है।यह विचार युवा अकाली दल दिल्ली इकाई के महासचिव सरदार जसमीत सिंह पीतमपुरा ने मीडिया को जारी एक प्रेस नोट के माध्यम से व्यक्त किए।

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